Saturday 9 September 2017

सरकार का टेंडर जनता हत्या के लिये ?

   गोरखपुर:(१२ आँगष्ट २०१७) बीजेपी सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है । लेकिन भाजपा सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है । भाजपा ने सबका साथ सबका विकास का नारा केवल ईलेक्शन जितने के लिये ही लगाया था । यह बात जनता बहोत बुरी तरह से समझ चुकी है । सरकार अब सरकार नही रही है वह टेंडर बेचने वाली एक दलाल बन गई है ।सरकार का हर एक काम टेंडर बिना होता नही है । सरकारी अस्पताल के रूई से लेकर आसमान के हवाई जहाज तक सबकुछ टेंडरो पर चलता है । सरकार सरकारी कामो का ठेका प्राईवेट कंपनी को बेच रही है । जहां  १०००₹ कि लागत है वहा १०००० ₹ को टेंडर दे रही है । सरकार द्वारा ऐसा काम करने कि वजह यह है कि सरकारी कामो का प्राईवटायझेशन किया जाये ताकि आरक्षण खत्म किया जाये ताकि ओबीसी एससी एसटी एनटी व्हीएनटी को विकास से रोका जाये । क्योंकि शास्त्रो नुसार इन मागासवर्गीय याने शूद्रो को धन संपत्ति से वंचित रखने को कहा गया है । और टेंडर यह मनुवादियों का एक खास हतियार है ।जिसीसे इन शूद्र जातियों का शोषण करके धन संपत्ति से वंचित रखा जा सकता है ।क्योंकि जब कोई सरकारी काम का ठेका किसी प्राईवेट कंपनी को सरकार देतीं है तो वह काम पूरा करने के लिये वह प्राईवेट कंपनी ओने पौने दाम पर मजदूरों को भर्ती करते है ।दुय्यम दर्जे के माल का वापर करके वह कम पूरा कर देते है ।जिसपर सरकार का कोई भी नियंत्रण नही होता है ।और नियंत्रण रखने का कोई सवाल ही नही आता है ।क्योंकि सरकार द्वारा जिस कंपनी को ठेका दिया जाता है । जिसका टेंडर पास करने वाले को कमीशन दिया हूवा होता है ।तो उस काम और मजदूरों पर ध्यान देनेका कोई सवाल ही नही आता है । क्योंकि यह कार्य मनुवादी सिस्टम नुसार है। जो सरकार भी यह चाहती है । क्योंकि सरकार में भी वही लोग बैठे है ।
    टेंडर याने ठेका पध्दति से मनुवादी सिस्टम को होनेवाले फायदे और ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो का होनेवाला नुकसान जो मनुवादी चाहते हैं ।
  १) मनुवादियों को भारत देश के संविधान को विरोध है क्योंकि भारत का संविधान ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो को भी समान आधिकार कि बात करता हैं ।
  २) ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो को जिस आरक्षण कि वजह से समान आधिकार मिल रहे है उस आरक्षण को ही मनुवादी खत्म करना चाहते है ।ईसीलिये हमेशा वह आरक्षण को बदनाम करते रहते है ।
  ३) ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो  का आरक्षण को यानी ठेका टेंडर पध्दति से खत्म कारने का मनुवादियों का एक छडयंंत्र है ।
  ४) ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो को शास्त्रों नुसार धन और संपत्ति जमा करने का आधिकार नही है । ईसीलिये टेंडर पध्दति से ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो का शोषण के साथ निर्धन करने का एक खास कार्यक्रम है ।
  ५) ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो को टेंडर द्वारा शोषण करके वर्ण व्यवस्था नुसार निचे याने चौथे शूद्र वर्ण में आरक्षण यानी आधिकार नकारकर रखने का एक उद्देश्य है ।
  ६) टेंडर द्वारा शोषण वादी व्यवस्था का निर्माण करने का मनुवादी का उद्देश्य है ।
  गोरखपुर १२आँगष्ट २०१७ बिआरडी मेडिकल कोलेज ६२ से भी बच्चों कि मौत एक ही समय में हूई ईसका कारण है टेंडर सिस्टम यानी ठेका पध्दति जो मनुवादियों द्वारा ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी याने शूद्रो को मारने के लिये निर्माण कि  गई है एक सिस्टम है । ईस टेंडर सिस्टम को समझना ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी को ईतना आसान काम नही है । क्योंकि इन ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी को जाती ,धर्म,वर्ण ,शास्त्र,पूराण, धार्मिक ग्रंथ के माध्यम से मनुवादियों ने भेद डालके रखे है ।जिसे भेदना ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी कि बस कि बात नही है ।
  अपना देश टेंडरो पर चल रहा है । कपास कि सरकारी हौस्पिटल मिलने वाले रूई से लेकर आसमान में उड़ाने वाले किंगफिशर ऐअर लाईन्स जिसने टेंडर द्वारा भारत देश को बरबाद करके इग्लैंड में अपनी अलिशान संपत्ति जमाईं है । इसपर चर्चा करने के लिये ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी के पास समय नही है । क्योंकि मनुवादी ग्रंथ कहते है कि शूद्रोने यानी ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी ने ब्राह्मण जैसे बोलता है वैसे ही रहना चाहिए और कार्य करना चाहिए इसका मतलब ओबीसी, एससी, एसटी, एनटी, व्हीएनटी ब्राह्मणो के अधिन है । उनके पास खुदकी सोच नही है । अगर खुदकी सोच होती थी तो वह अपने अधिकार के लिये ईस मनुवादी व्यवस्था से लढते थे ।उनको अपनी गुलामी मंजूर है ।
( माहाआचार्य मोहन गायकवाड)
 

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