Saturday 26 August 2017

भारतीय लोग शूद्र है ?

व्यास स्मृति के अध्याय-1 के श्लोक 11 व 12 में बढ़ई,नाई,गोप (अहीर या यादव) कुम्हार, बनिया, किरात, कायस्थ, माली, कुर्मी, नटकंजर, भंगी, दास व कोल आदि सभी जातियाॅ इतनी नीच है कि इनसे बात करने के बाद सूर्य दर्शन या स्नान करने के बाद ही पवित्र होना कहा गया है। 
  (वद्धिको, नाथितो, गोपः आशयः कुम्भकारकः। 
   वणिक किरात कायस्थःमालाकार कुटुम्बिनः।। 
  बेरटो भेद चाण्डालः दासः स्वपच कोलकः। 
  एशां सम्भाशणम् स्नानं दर्शनाद वैवीक्षणम्।।)

  (गीता, 9/32 पर शंकरभाष्य,गीता प्रैस, गोरखपुर)

(माहाआचार्य मोहन गायकवाड)

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