Saturday 26 August 2017

बापू का पाकिस्तानी दाव

    क्या आपको पता है ? ( पाकिस्तान आज का बांग्लादेश ) जैसूर और खुलना ईस संविधान निर्वाचन क्षेत्र को नियम तोड़कर पाकिस्तान में क्यों डाला है ? यह हर एक भारतवासियों के मन में काला रहष्य छिपा हुआ है । क्या है यह रहष्य ? जैसूर खुलना ईस क्षेत्रवासियों के साथ बहोत बड़ा धोखा हूवा है ।जो आज भी हमारे सिनेमें दर्द करता है । क्या गुनाह था उन क्षेत्र वाशीयो का जो आज भी ईन कठिन परीस्थितीयो में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है ? हमेशा यह समाचार देखने और सूनने को मिलते है कि भारत देश में लाखो बांग्लादेशीयोने अनधिकृत तौरपर घुसपैठ कि है ? और सरकार भी उन लोगोपर अपने तरीके से कारवाई करती है और मामला गरम रखतीं है ।
     अब थोड़ी इतिहास पर नजर डालते है । भारत पाकिस्तान विभाजन के समय यह मुख्य अट रखी गई थी कि जिस क्षेत्र ,विभाग या जिले में ५३% से जादा मूसलमानो कि आबादी होगी वह क्षेत्र पाकिस्तान को देना है ।पर यह पाकिस्तान विभाजन के समय का ईकलौता क्षेत्र है जिसमें मूसलमानो कि आबादी उस समय ४७% से भी कम थी फिर भी ईस क्षेत्र को पाकिस्तान के हवाले किया गया है । जो सरासर गलत था । इन महापुरुषोंने उन लोगो के साथ क्यों यह जोर जबरदस्ती कि थी ? क्या वजह थी ? क्यों उनको अस्थिर बनाया है । क्यों उनको मूसलमान बनने के लिये ईस खाई में ढकेल दिया है ? क्या ईसके पिछे कोई छिपा अजेंडा है ? क्या कोई नफरत है ? या भेदभाव वाली भावना ? या जाती का तिरस्कार ?  क्या है सच ? सत्य जानकर बहोत दुख होता है कि वह बांग्लादेशी आज भी यह मानते है कि उनपर बहोत बड़ा अन्याय हुआ है । उनकी  यह मानसिकता है कि वे खुदको आज भी भारतीय समझते है । क्योंकि उनका लगाव और सारे रिस्तेदार भारत में होने के कारण वह बिचमें हि फस गए है। क्योंकि वह जाती से मागास होने के कारण उनका भारत में स्थानान्तरण करने से रोजगार ,संपत्ती और घर कि बहोत बड़ी समष्या उत्तपन्न होने वाली थी । ईसीलिये वह अपने घर व्दार त्याग नही  सकते थे । ईस कारण वश वह मजबूरी से वहा रूके है । उन लोगोने गांधी नेहरू और पटेल को समझाने कि बहोत कोशिशे कि लेकिन वह सब व्यर्थ साबित हुई थी । क्योंकि ईन माहापूरूषो को अहंकारने बहोत  पछाड़ा था । ईसका कारण यह था कि ईन तीन माहापूरूषोने बाबासाहेब डाँक्टर भिमराव आंबेडकर को संविधान सभा में जाने से रोकना था । और जैसूर और खुलना के लोगोने गांधी नेहरू और पटेल के सारे छडयंत्र को मात देदी थी ।उनके सारे मनसूबों पर पाणी फेर दिया था । जोगिन्दर नाथ मंडल के सहयोग से सारे मागासवर्गीय लोग एक हो गए थे ।क्योंकि इन लोगोने ईलेक्शन के समय का सारा माहौल परीस्थिती अपने आखोसे देखी थी ईसीलिये उन लोगो को पता चल गया था कि यह लोगो का एकमात्र उद्देश्य है कि सारी मागास जाती और बाबासाहेब को रोकना है । ईसीलिये बाबासाहेब संविधान सभा के लिये जितने के बावजूद भी ईन माहापूरूषोने जैसूर और खुलना मतदार संघ अनधिकृत तौर पर पाकिस्तान के हवाले कर दिया है और बाबासाहेब से घृणा करते हुये उनको पाकिस्तान का संविधान लिखने को कहा गया था । लेकिन बाबासाहेब असली देश भक्त होने के कारण उन्होंने उस  पाकिस्तान को सौप हुए  निर्वाचन क्षेत्र से रिजाइन दे दिया था । अब समष्या यह पैदा हो गई थी कि भारत देश का संविधान कौन लिखेगा ?क्योंकि भारत को संविधान बिना आझादी नही मीलने वाली थी । बाबासाहेब आंबेडकर को संविधान सभा में जाने से रोकने कि कसम खानेवाले ईन माहापूरूषो को तब जाके अपनी गलती का ऐहसास हुआ क्योंकि उस समय अपने देश का संविधान लिखने कि काबिलियत रखनेवाला कोई व्यक्ति नही था । आझादी का क्रिडेट लेने कि ईच्छा रखनेवाले इन लोगोने आखीरकार बाबासाहेब को मजबूरन संविधान सभामें भेजने कि ईच्छा जताई और अपने देश का संविधान बाबासाहेब डाँक्टर आंबेडकर द्वारा बन गया तब जाके अपने देश को आझादी मिली है । 

   ( लेखक : माहाआचार्य मोहन गायकवाड)

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