Friday 29 September 2017

नोटबंदी से देश कि जनता को क्या मिला ?

   कालाधन बाहर निकालने के चक्कर में 8 नवम्बर 2016 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8:15 बजे नोटबंदी की घोषणा की थी ।इस निर्णय से तो सारे भारत में भूजाल आया था । भारत देश में युद्ध के जैसे माहौल बन गया था । लेकिन यह घोषणा तो कुछ लोगों के लिए युद्ध के ऐलान से भी घातक सिद्ध हुई। उनकी रातों की नींद उड़ गई।  कालेधन वाले के होशोहवास खोते हुए जेवेलर्स के पास दौड़े उलटे-सीधे दामों में सोना खरीदकर अपना कालाधन सफेद कर लिया था । और बचा-कुचा कालाधन सफेद करने का परमीशन सरकार ने बैंको के व्यावहार बंद करके पेट्रोल पंपों को दिया था ।९ नवम्बर से सुबह से बैंको के सामने लंबी लंबी लाईने लग गई थी । सारे एटीएम बंद कर दिये थे । सारे कालेधन वाले एक हो गये थे और सभीने मीलकर अपना अपना कालाधन एक दुसरे के मदद से सफेद कर लिया था । कालेधन वाले को बैंक वालो ने सुनारों ने पेट्रोल पंप वालों ने जमीनदारों ने एक दुसरे को जमकर मदद कि थी । सरकार कि कालेधन वाले को पकड़ने कि इस देश के सामान्य जनता को ठगने कि साजिश साबित हूई है । क्योंकि सरकार कि नोटबंदी कि योजना एक देश के लिये एक आत्मघाती साबित हूई है । खोदा पहाड़ निकला चुहा सरकार नोटबंदी कि निती साबित हूई है ।सरकार को ना कालाधन मीला ना कालेधन वाले, पर सामान्य जनता का ईस नोटबंदी से जीना हराम हो गया है । उनका सबकुछ नोटबंदी ने लूट लिया है ।
   नोटबंदी सर्वसामान्य लोगो पर एक सुलतानी संकट साबित हूआ है । उनका जीना मूश्किल हो गया है । लाखो लोगो कि नोकरीयां चली गई है । रोजगार चला गया है ।छोटे छोटे व्यापारी बरबाद हो गये है ।सब जगह नोटबंदी का असर पड़ा है । लोगो के पैसा के कमी से खाने पीने के वांदे हो गये है ।बीमारियों के खर्च नही झेल पा रहे है । किसान पैसा के कमी परेशान है ।खेती के माल को भाव न होने कि वजह से कर्जा में डुब गया है ईसीलिये किसान आत्महत्या कर रहा है । विद्यार्थी प्राईवेटायझन से परेशान है ।प्राईवेट स्कुलों कि मनमानी चालू है ।औने पौने हिसाब से स्कुलों से फिज सूली जा रही है । मानो इन सबको नियंत्रीत करने वाला कोई है ही नही है । प्रधानमंत्री विदेशों में पिकनिक पे पिकनिक कर रहे है । देश कि जनता प्राईवेट कंपनियों के हाथों में सौपकर ओ विदेशों में पंधरा पंधरा लाख का सूट पहनकर ढोल बजाकर जीवन का लूप्त उठा रहे है । मानो ओ एक राजा कि तरह देश कि जनता के साथ व्यावहार कर रहे है ।
    अच्छे दिन का लोलीपोप दिखाकर देश कि जनता के मूह में जिसटी नामका गौमूत्र डाल दिया है । जीसे ना पी सकते है ना फेक सकते है ।
मानो एक से भले दो संकटों में देश कि जनता को डाल दिया है ।
   मुंबई का इन्कम छिनकर महाराष्ट्र कि बहोत बूरी तरह से वाट लगा दि है । जकात नाका बंद करके ३५०००० लोगो कि नोकरीयां छिन लि गई है । बिचारे पर भूखे प्यासे रहने कि नौबत आई है । यू मानो उनका जीना कुत्ते के माफीक बना दिया है । उनके संसार उध्वस्त कर दिये है । जनता इस सूलतानी सत्ता से तंग आ गई है । क्योंकि सरकार के पास ऐक्सपर्टो कि कमी है नकली एक्सपर्टो कि माध्यम से सरकारी नितीयां बनाई और चलाई जा रही है तो देश कि जनता का सत्यानाश होना तय है ।
(माहाआचार्य मोहन गायकवाड)

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