भारत में चार वर्ण कैसे निर्माण हुये है ? आपको इस सवाल का जवाब ढुंडना है तो आपको वैदिको के वेद ,शास्त्र, पुराणो का और भारतीय अवैदिक इतिहास का भी अध्ययन करना बहोत जरुरी है ! तभी आप सत्य को खोज पाओगे ! जबतक आप भारतीय अनार्य इतिहास के साथ आर्यो के वेद ,शास्त्र,पुराणो का अध्ययन नही करोगे ,तब तक आपको ना भारत का इतिहास समझेगा, ना भुगोल , ना आर्थशास्त्र ,ना समाजशास्त्र ! ईसीलिये आपकी सोच का दायरा सिमीत ही रहोगा और गुलामी का गर्व करनेवाला ही रहेगा ! जिस में आपकी किंमत एक कठपुतली से कम नही है ! जो आपको कभी भी समझने में नही आयेगी !
इतिहास कहता है कि आर्यो के भारतपर आक्रमण करने से पहले भारत (जम्मुद्वीप) देश में वर्ण व्यवस्था नही थी ! भारत देश कि हर्रप्पा और मोहनजोदडों वाली इस मुल सभ्यता का विश्व के सारे संशोधकोने संशोधन करके यह साबित किया है, कि भारतीय मुल सभ्यता द्रविड़ सभ्यता है ! और वैदिकोने भारतपर आक्रमन करके अपने संस्कृत भाषा में लिखे वेद ,शास्त्र,पुराणो कि भेद निती अपनाकर भारतीय लोगो में भेद डालकर भारतीय मुल सभ्यता को विघटीत करके भारतीय लोगोपर वैदिकोने अपनी वेदोवाली भेद करनेवाली संस्कृती थोप दी है ! जिसका भ्रमित भारतीय द्रविड़ लोग अपनी मुल सभ्यता को भुलकर वैदिक संस्कृती का गर्व कर रहे है !
वेदो के अभ्यास से पता चलता है कि , वेद पुरु नाम के वैदिक नर देवताने लिखे है ! और उसने नारी को छोडकर ब्राम्हण ,क्षत्रीय, वैष्य और शुद्र इन चार नरो को जन्म दिया है ! पुरु एक नर होते हुये भी चार बच्चो को जन्म दिया है ! जो दुनियां में एक अजुबा है ! और पुरुने अपने खुदके इन बच्चों में भेदभाव करके समान अधिकारों से वंचित रखा है ! क्या ऐसे भेदभाव करनेवाले व्यक्ती भगवान उपाधी के लिये पात्र है ? वेद चार वर्णोपर टिके है ! १)वेदों में सबसे श्रेष्ट ब्राम्हण है २)वेदों में दुय्यम दर्ज के क्षत्रीय है !३) वेदों में क्षत्रीयोंसे निच वैष्य है ! और ४) वेदों में सबसे निच शुद्र है ! और भारत में आज जितनी भी शुद्र जाती है वह मुल हर्रप्पा मोहनजोदड़ों सभ्यता के वारीसदार है ! जो आज ओबीसी, एस्सी ,एसटी ,एनटी ,विएनटी और अल्पसंख्यांक है !
इतिहास पर नजर डालेंगे तो आपको चौकानेवाली जानकारी मिलेगी ! भारतीय लोगो को सच्चे इतिहास से भटकाने के लिये अफगानी पंडित ममद गौरीने भारत में ईस्लाम लाकर भारतीय मुल द्रविड़ सभ्यता को तहसनहस करके उसने पुरे भारत में ईस्लाम को फैलाया है ! और बहोत सारे द्रविड़ो को ईस्लाम को सनातनी वैदिक संस्कृती का शत्रु बताकर अपने पक्ष में कर लिया है ! आज द्रविड़ हिन२ और ईस्लाम के नामपर आपस में लढ रहा है ! ना हिन२ बनायो द्रविड़ जानते है ,ना मुस्लीम बनाये गये द्रविड़ जानते है !
भारत देश को खंडीत करके पाकिस्तान निर्माण करने के पिछे बहोत बडा वैदिक सनातनीयों का छडयंत्र है ! आज हर्रप्पा मोहनजोदड़ो और प्रचिन तक्षशीला विश्वविद्यालय यह भारत कि मुल सभ्यता पाकिस्तान के हवाले है ! ईसीलिये आज हिन२ और मुस्लीम कहे जानेवाले मुल भारतीय द्रवीड़ लोग भ्रमित है ! जो आपस में लढकर मार और मर रहे है इस तरह सदियों से भारतीय लोगोपर वैदिक आर्यो का राज आज भी कायम है ! अब वह जगह भाजप जैसे मनुवादी पार्टीयोंने लेली है!
वैदिकोने हर्रप्पा ,मोहनजोदड़ोवाली भारत कि भेदभाव विरहीत सभ्यता को नष्ट करके ,मुल द्रविड़ लोगो को वैदिक आर्योने चार वर्णो में और साडे सहा हजार जातीयों में और हिन२ मुस्लीम और ईसाई धर्म में विभाजीत कर दिया है !यही भारत का सत्य इतिहास है !
(माहाआचार्य)
Monday 4 February 2019
फोड़ो और राज करो !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
पाली भाष्या एक रुप अनेक
असे म्हणतात कि सगळ्या भारतीय भाषेची जननी ही संस्कृत भाष्या आहे.याचा प्रचार साहीत्य ,श्याळा,कॉलेज,कथा,कादंबर्या, किर्तन ,नाटक ,सिनेमा ,आध्या...
-
आज मै आपको छत्रपती संभाजी महाराज का ऐसा इतिहास बताने जा रहा हू जो सूनकर आप हैरान रह जाओगे । महाराष्ट्र कि भूमी समतावादी समाज सुधारक ,संत ...
-
व्यास स्मृति के अध्याय-1 के श्लोक 11 व 12 में बढ़ई,नाई,गोप (अहीर या यादव) कुम्हार, बनिया, किरात, कायस्थ, माली, कुर्मी, नटकंजर, भंगी, दास व क...
-
शिक्षा कि पंढरी कहे जानेवाली नगरी और मनुवादी सोच का गढ पूणे के सिंहगड इलाके में एक चौकानेवाली घटना घटी है । जानकारी के अनुसार डॉ. मेधा क...
-
व्यक्तिमत्व विकास यह मानवी जीवन का एक अहमं और खास हिस्सा है । जो व्यक्ती के साथ साथ मानवी समाज को आर्थिक समाजिक शैक्षणिक तथा व्यक्ति व...
-
जगत गुरु संत तुकाराम माहाराज का पूरा नाम तुकाराम बोल्होबा अंबिले (मोरे) उनको तुकोबा ,तुकाराम ,तुकोबाराया ,तुकाराम माहाराज ऐसे कई नामो से ...
-
पूणे शहर को माहाराष्ट्र कि शिक्षा कि पंढरी कहा जाता है । वास्तव में क्या यह सही है ? यह एक लंबा संशोधन का विषय है । इतिहास से लेकर वर्त...
-
अगर आपको अपनी महान संस्कृती को बचाना है तो अपनी संस्कृती और धर्म का पालन करना बहोत जरूरी है । ईसीलिये अपने धर्म ग्रंथों में लिखे सारे नि...
-
अपने देश में भला ही संविधान लागू है । पर संविधान तो बस नाम के लिये है।जिसके बलबूते मनुवादी लोग अपनी सरकार तो बनाते है लेकिन अपने देश के न...
-
क्या आपको पता है ? ( पाकिस्तान आज का बांग्लादेश ) जैसूर और खुलना ईस संविधान निर्वाचन क्षेत्र को नियम तोड़कर पाकिस्तान में क्यों डाला है ?...
No comments:
Post a Comment