Saturday 2 February 2019

सवर्ण जातीयों को अब ६०% आरक्शण !

  जनवरी २०१९ के पहले सप्ताह में भाजप सरकारने संविधान को तोडमरोडकर सामान्य वर्ग को १०% आर्थीक आधारपर आरक्शण लागु किया है ! जो संविधान के मुल तत्वों पर और ओबीसी ,एस्सी ,एसटी ,एनटी, व्हिएनटी के आधिकार पर भाजपा द्वारा एक गहरी साजिशी चोट कि गई है ! भाजपा भले ही इस अनैतिक आरक्शण को खरीदी हुई टिवी ,प्रिन्ट मिडीयां द्वारा ओबीसी ,एस्सी, एसटी ,एनटी ,व्हिएनटी और देश के हित में बताकर इसका प्रचार कर रही है ! पर यह ना देश हित में है और नाही ओबीसी, एस्सी, एसटी, एनटी और व्हिएनटी के हित में है !
   देखा जाये तो संविधानने देश के सभी वर्ग को उनके संख्या नुरुप आरक्शण को पहले से ही विभाजीत करके उनको समान रुप में आधिकार दिये है !
   देश में सबसे जादा ओबीसी वर्ग की आबादी है ! जो कुल ५०% है ! पर ५०% ओबीसी वर्ग के मंडल कमीशन को पुरे रुप में ना लागु करके उसे आधा अधुरा ही सरकाने लागु किया है !५०% ओबीसी को देखा जाये तो सभी प्रकार का ५०% आरक्शण सरकाने देना चाहीये ! पर वेदो के वर्ण वेव्थस्था के भेदभावपुर्ण मनुवादी निती के तहत उनके आरक्शन का हक्क मारकर ओबीसी को केवल २७% ही आरक्शण दिया गया है ! २७% ओबीसी को क्रिमीलीयर के चक्कर में फसाकर सरकार उनका पुरा हक्क मारकर सामान्य वर्ग को दे रही है !
    भाजपा सरकार २लाख ५० हजार पर इनकम टैक्स लेती है ! और दुसरी तरफ सामन्य केटेगरी के लोगो को ८ लाख कमाने वाले को गरीब बताती है ! इस बातसे ऐसा लगता है की भारत देश पर सोमालीयन चाचाओने कब्जा कर लिया है और लुटपाट का सारा माल राफेल भाईयोंपर उडा रहे है !
   भारत देश में सामान्य वर्ग की आबादी केवल १५% है ! और उनको ५०% आरक्शण दिया जा रहा है ! और इस ५०% आरक्शण में कोर्ट में केस डालकर मेनेज जजों द्वारा ओबीसी ,एस्सी, एसटी, एनटी, व्हिएनटी को मेरिट सहीत सहीत सभी को प्रवेश बंदी किया गया है !
      भाजपाने तो हद्द कर दी है ! इस १५% सामान्य वर्ग के वार्षिक ८ लाख कमानेवाले व्यक्ती को भी गरीब दिखाकर १०% आरक्शण से मालामाल कर दिया है ! मतलब सामान्य वर्ग को अब ५०% अधिक १०% याने पुरा ६०% आरक्शण कर दिया गया है !
  संविधान में ओबीसी ,एस्सी ,एसटी, एनटी, व्हिएनटी और जनरल केटेगरी को उनके वर्ग संख्या नुसार आरक्शण देने का प्रावधाण है ! ओबीसी ,एस्सी, एसटी ,एनटी ,व्हिएनटी इन केटेगरी की जातीयां जो वेद शास्त्रो के वर्ण वेवस्था नुसार शुद्र वर्ण में आती है जीसे मनुवादी सनातनीयोंने सदियोंसे आधिकारोंसे वंचित रखा है ! वैसे ही वेद शास्त्रोपर चलनेवीली और वर्ण तथा जाती भेद सर्थक आरएसएस और उनके राजकीय संघटन कोंग्रेस और भाजपा (शुद्र जाती) ओबीसी,एस्सी एसटी,एमटी, व्हिएनटी को अधिकार नही देना चाहती है! ईन जातीयोंपर मनुस्मृती द्वारा भयंकर अत्याचार भी किये है ! आज कोंग्रेस भाजपा सरकार के माध्यम से इन जातीयोंपर अत्याचार कर रहा है ! यह बहुजन वर्ग के लोगोने हमेशा याद रखना चाहीये ! धर्म के नामपर बहुजनो को मानसीक गुलाम बनाकर उनका हक्क मारा जा रहा है ! और उनका शोषन भी किया जा रहा है !
    इतिहासपर नजर डालेंगे तो
   "ढोलं गवार शुद्र पशु नारी ,
    सकलं ताडन के आधिकारी"
मनुस्मृतीने १०/१ नुसार शुद्र वर्ण का व्यक्ती ना अध्ययन कर सकता था ना अध्यापक बन सकता था ! मनुवादियों द्वारा शुद्र ( ओबीसी एस्सी एसटी एनटी व्हिएनटी )वर्ण के किसी भी व्यक्तीने संस्कृत भाषा को सुना तो उसके कान में उबलता हुवा गरम शीसा डाला जाता था ! शुद्रने संस्कृत भाषा पढी तो उसकी आंखे निकाली जाती थी और जिभ भी काटी जाती थी ! संस्कृत भाषा लिखनेपर हात काटे जाते थे ! मनुस्मृतीने जिन लोगो को शुद्र कहकर सारे आर्थीक, सामाजीक, शैक्शणिक, राजकीय और धार्मीक आधिकार छिने थे !
   व्यास स्मृति के अध्याय-1 के श्लोक 11 व 12 में बढ़ई,नाई,गोप (अहीर या यादव) कुम्हार, बनिया, किरात, कायस्थ, माली, कुर्मी, नटकंजर, भंगी, दास व कोल आदि सभी जातियाॅ इतनी नीच है कि इनसे बात करने के बाद सूर्य दर्शन या स्नान करने के बाद ही पवित्र होना कहा गया है। 
     "वद्धिको, नाथितो,गोपः आशयः कुम्भकारकः। 
   वणिक किरात कायस्थःमालाकार कुटुम्बिनः।। 
  बेरटो भेद चाण्डालः दासः स्वपच कोलकः। 
  एशां सम्भाशणम् स्नानं दर्शनाद वैवीक्षणम्।।"
(गीता, 9/32 पर शंकरभाष्य)
     भारत के संविधानने इन शुद्र जातीयों को ओबीसी ,एस्सी, एसटी ,एनटी ,व्हिएनटी केटेगरी में विभाजीत करके उनके संख्या नुसार नोकरीयों में और राजकीय आधिकार के साथ आर्थीक, सामाजीक, शैक्शणिक, और धार्मीक आधिकार भी प्रदान किये है ! इसीलिये मनुवादीयों को भारत का संविधान पसंद नही है ! मनुवादी भारत का संविधान संसद के सामने जला रहे है ! जीसे भाजपा सरकार का अभय है ! इसीलिये मनुवादी भाजप सरकारने जोर जबरदस्ती से संविधान में बदलाव करके ओबीसी ,एस्सी ,एसटी ,एनटी, व्हिएनटी का १०% आधिकार छिन लिये है ! आरएसएस भाजप कोंग्रेस जैसे मनुवादी पार्टीयों के माध्यम से शुद्रो ( ओबीसी एस्सी एसटी एनटी व्हिएनटी) के धिरे धिरे सारे आधिकार छिनकर समाप्त करके मनुस्मृती का शासन लाना चाहती है ! यह हमारे भोले ओबीसी, एस्सी ,एसटी ,एनटी ,व्हिएनटी के लोग अभी नही समझ पा रहे है !
   सनातनी मनुवादीयोंने भारत के बहुजनो को, मनुस्मृती नुसार शुद्रो को आधिकारोसें वंचित रखने और इस देश पर मनुवादियों के ही आधिकार आबाधीत रखने के लिये हुन,शक,पोर्तगुज,अरबो,मोघल आंग्रेजो का समय समय पर इस देश पर राज लाकर ,अपने आधिकार के लिये संघर्ष पर उतरे शुद्रो को इन परकिय शक्ती द्वारा थंडा करके उनको गुलाम बनाके रखा है ! मनुवादियोंने अपने वेदो द्वारा दिये श्रेष्ठत्व को आबाधित रखने के लिये इस महान देश के तुकडे तक कर डाले है ! जिन लोगोने इस देश के तुकडे किये है वही हमें भारत माता वंदे मातरम शिखा रहे है ? यह इस देश कि एक विडंबना है ! क्यों की यहा का ८५% बहुजन ,जाती के नामपर विभाजीत है ! जब यहा का बहुजम याने द्रविड् अपना इतिहास हर्रपा मोहनजोदडो में ढुंडेने की कोशीष करेगा तब बहुजनो को मनुवादीयो के छडयंत्रो का पता चलेगा ! क्योंकी फोडो और राज करो यह वेदो की निती है ! इसीलिये तो वेदो के उच निचता के चार वर्ण के विचरों का सहारा और आधार लेकर यहा के ८५% बहुजनोलको ६५०० जातीयों में बटवारा करके इनको आपस में भीडा दिया है! आज वह दिन रात आपस में जाती का घमंड करके एक दुसरे जाती के साथ झगडते है ! जाती के नामपर वह मरते भी है और मारते भी है ! २०१४ से भाजपाने सारे बहुजनो में जाती का जहर भरके इन ८५% बहुजन जातीयों में गहरा भेद निर्माण किया है ! और सभी बहुजन जातीयों को एक दुसरे से दुसरे करके २०१९ में सामान्य वर्ग का १०% आरक्शण बढाने के लिये पोषक परिस्थीती निर्माण करके १०% ओबीसी ,एस्सी ,एसटी ,एनटी, व्हिएनटी का आधिकार छिन लिया है !आज हमारा बहुजन भाई सामान्य वर्ग का ५०% से ६०% आरक्शण बढने पर झुमझुकर पागलो कि तरह नाच रहा है! मिठाईयॉ बाट रहा है !सामन्य वर्ग का ५०%  आरक्शण अब १०% आधिक करके उसे ६०% पर पोहचाने के मनुवादी निती को मै कहुंगा की द्रोनाचार्याने एकलव्य का आंगुठा फिर काटा है !
(माहाआचार्य)

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